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*भाजपा, कांग्रेस के झूठे वादों से बचकर बसपा के पक्ष में करें मतदानः मायावती*

रुड़की के लिब्बरहेड़ी गांव में पहुंची बसपा सुप्रीमो
रुड़की। बसपा सुप्रीमो मायावती ने जनसभा को संबोधित करते हुए पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान की अपील की। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस को जन विरोधी बताया और जनता से कहा कि उनके वहकावे में न आकर बसपा के पक्ष में करे वोट।
हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र के लिब्बरहेडी गांव में सभा को संबोधित करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने हरिद्वार लोकसभा प्रत्याशी जमील अहमद कासमी, पौडी लोकसभा क्षेत्र प्रत्याशी दीप सिंह बिष्ट,टिहरी लोकसभा प्रत्याशी नेमचंद के पक्ष में मतदान की अपील की। उन्होंने कहा कि भाजपा ईवीएम के सहारे एक बार फिर सत्ता में आने का प्रयास करेगी सभी को इससे सतर्क रहना है और बसपा के पक्ष में मतदान करना है। कहा कि भाजपा सरकार ने आज तक लोगों का उत्पीड़न किया है गरीबी महंगाई आदि से जनता त्रस्त है। कहा कि धर्म के नाम पर लोगों का उत्पीड़न किया जा रहा है। हल्द्वानी में वर्षों पुराने मस्जिद को तोड़कर भाजपा ने अपना असली चेहरा दिखाया है। उन्होंने कहा कि आज भ्रष्टाचार चरम पर है। देश की सीमाएं भी सुरक्षित नहीं है। केंद्र की गलत नीतियों और कार्य प्रणाली को लोग आजमा चुके हैं। विरोधी पार्टियां साम दाम दण्ड भेद हर हतकंडा अपना कर सत्ता में आने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने अपील की कि विरोधी दलों के झूठे वादों और घोषणा पत्र के झांसे में नहीं आना है। बसपा घोषणा पत्र जारी नही करती केवल कार्य करने में विश्वास रखती है। उन्होंने कहा कि भाजपा कांग्रेस के बहकावे में नहीं आना है बल्कि सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय वाली पार्टी बसपा को ही वोट देना है। बसपा सरकार में हर वर्ग के हितों का ध्यान रखा जाएगा।
इस अवसर पर प्रदेश प्रभारी सुरेश आर्य,प्रदेश प्रभारी शमशुदीन राइन,प्रदेश अध्यक्ष चौधरी शीशपाल, लक्सर विधायक मोहम्मद शहजाद, प्रदीप चौधरी, नत्थू सिंह, मोंटी रहमान आदि मौजूद रहे।

कैडर वोटर भी नही जुटा पाए बसपा नेता
रुड़की। हरिद्वार किसी समय में बसपा का गढ़ माना जाता रहा है। यहां बसपा सुप्रीमो की जनसभा में कभी पदाधिकारियों को मेहनत नहीं करनी पड़ी। बड़े से बड़े मैदान को भरने का रिकॉर्ड तक पहले बसपा के नाम रहा है लेकिन आज की रैली ने बसपा पदाधिकारियों की जमीनी स्तर पर पोल खोल कर रख दी है। मायावती के मंच पर होने के दौरान भी पंडाल में लगाई गई करीब चालीस प्रतिशत कुर्सियां खाली ही पड़ी रही। वहीं मायावती भी शायद इस परफॉर्मेंस से खुश नहीं नजर आई होंगी। वह मंच से बोली और भाषण खत्म करने के साथ ही सीधे सीढ़ियों की ओर बढ़ी और नीचे उतर गई।

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