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कोई भी देश अपनी उत्तम शिक्षाऔर शिक्षकों की श्रेष्ठता से ही महान होता है-अश्विनी भाटिया
दिल्ली बार कौंसिल के नवनिर्वाचित चेयरमैन श्री राकेश सेहरावत का किया गया हार्दिक अभिनंदन।
श्री कृष्ण को पूजने से अधिक उनके दिखाए मार्ग पर चलने में ही हमारा कल्याण।
अफगानिस्तान भी हुआ हिन्दू -सिख विहीन राष्ट्र। क्या इस्लाम प्रेम और शांति का पैगाम देता है?
आर एस चौधरी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा जरूरतमंद लोगों को फ्री राशन और राखी का वितरण।
देश विभाजन और लाखों लोगों की हत्या के लिए गांधी,नेहरूऔर जिन्ना दोषी।
ममता ने संवैधानिक मर्यादाओं को किया तार-तार।बंगाल की हिंसा को सरकार का संरक्षण।- विजयवर्गीय
भोलानाथ नगर मेन रोड का नामकरण लाला सूरज भान जैन के नाम से किया गया।
आर एस चौधरी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा जरूरत मंद परिवारों को किया गया राशन किट का वितरण।
खुद को मिले अन्नदाता के सम्मान की लाज बनाए रखें किसान। नए कृषि कानून उनके नहीं दलालों के विरूद्ध हैं।
विशेष
आज भी हिन्दू व मन्दिर असुरक्षित क्यों ?और मुस्लमान आक्रामक और बेखौंफ क्यों ?
दिल्ली/(अश्विनी भाटिया) सदियों पहले मौहम्मद बिन कासिम की भारत में घुसपैठ के साथ हिन्दूओं और उनके देव स्थानों पर जो हमले शुरू हुये वो आज तक जारी हैं ।हिन्दू सदियों से इस्लामिक बर्बरता का शिकार होता आया है और आज भी यह आतंकी सिलसिला निरंतर जारी है ।हिन्दू इस्लाम के असली घिनौने चेहरे को कल भी नहीं पहचान पाया था और आज भी नहीं पहचान पा रहा ।दौरान हिन्दुओं ने अपनी मूर्खता और सहनशीलता के कारण अपना, अपने धर्म और अपने राष्ट्र का बहुत नुकसान किया, लेकिन उसने इन सब बातों से कोई सबक नहीं सीखा ।
कुश्ती के साथ -साथ छोटे पर्दे पर भी खास मुकाम बना रहे हैं पवन दलाल
आज कुश्ती के क्षेत्र में भारत विश्व पटल पर एक ऊँचा मुकाम रखता है। कुश्ती और बॉक्सिंग में हरियाणा -पंजाब के खिलाडियों ने देश को एशियाई और ओलम्पिक खेलों में मैडल जीतकर भारत की प्रतिष्ठा को बचाया है। हरियाणा में हर छोटे -बड़े गांव की मिट्टी में पहलवान तैयार किये जा रहे हैं और सरकार भी इस ओर आर्थिक मदद देकर खिलाडियों को प्रोत्साहन देने में लगी हुयी है। TEST
कड़ी मेहनत- सच्ची लगन और मानसिक तैयारी से ही हम अपने लक्ष्य को भेद सकते हैं -गौरव वासुदेव
मुंबई माया नगरी शुरू से ही देश के युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करती रही है। इस नगरी में पुरे देश से नौजवान फ़िल्मी पर्दे पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने का सपना लेकर जाते हैं। इनकी तादाद हजारों नहीं लाखों में भी हो सकती हैं लेकिन इस भीड़ में से कुछ गिनती के लोग ही अपना सपना साकार कर पाते हैं।